गुरुवार, 14 मई 2020

लॉक डाउन में ढील : कितना है ख़तरा


राजेश कुमार श्रीवास्तव 
पूरी दुनियां में कोरोना ने आतंक मचा रखा है | भारत भी इस खतरनाक वायरस के गिरफ्त में है | इस बीमारी के श्रोत और इलाज अभी तक ज्ञात नहीं हो पाएं है | अलग-अलग श्रोतों से अलग-अलग जानकारियां मिल रही है | फ़िलहाल इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के ही प्रयास किये जा रहे है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल सामाजिक दुरी को माना जा रहा है / सामाजिक दुरी को कारगर बनाये रखने के लिए पुरे विश्व में महीनों से लॉक डाउन चल रहा है |  भारत में भी गत  २३  मार्च  से लगातार लॉक डाउन चल रहा है |  पहले २१ दिन फिर १९ दिन और अब १४ दिन का लॉक डाउन | लेकिन लॉक डाउन के पहले दौर में जिस तरह की सफलता हमें देखने को मिली उस तरह की सफलता लॉक डाउन -३ में  देखने को नहीं मिल रही |  धीरे-धीरे लोग अब निकलने लगे है / दुकान-पाट  भी खुल गए है |  सरकार भी धीरे-धीरे कई क्षेत्रों में ढील देनी शुरू कर दी है |  अब स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठने लगे है कि क्या लॉक डाउन में ढील से स्थिति और बिगड़ेगी या नही |  इस प्रश्न का जबाब जानने के लिए हमें एक नज़र निचे के ग्राफ पर डालनी होगी |

उपरोक्त ग्राफ से यह स्पस्ट है जब भारत में लॉक डाउन शुरू हुआ तब संक्रमण के वृद्धि का दर सर्वाधिक था | और लॉक डाउन के प्रभाव के कारण यह दर लगातार कम होता रहा |  २३ मार्च अर्थात जिस दिन से भारत में लॉक डाउन शुरू हुआ उस दिन संक्रमण के वृद्धि का दर १०० प्रतिशत से भी अधिक था / और जब लॉक डाउन -३ समाप्त होने को है तब यह बृद्धि दर घटकर २५ % से भी कम हो गया है |  अर्थात लॉक डाउन संक्रमण के वृद्धि को कम करने में कारगर सिद्ध हुआ है |  
इसी तरह इसके संक्रमण के कारण हुए मौत के वृद्धि दर पर नज़र डेल तो इसमें भी लगातार कमी आई है |  
लॉक डाउन के शुरुआत में मौत की वृद्धि दर भी १०० प्रतिशत के ऊपर थी जो अब २० प्रतिशत के आसपास हो गई है| / 

  

इसी तरह से इस व्याधि से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है | कुल मिलाकर एक बात स्पस्ट है की सरकार द्वारा समय पर लिया गया लॉक डाउन का फैसला देश को एक भयानक स्थिति में जाने से बचा लिया लगता है / लेकिन अब जब धीरे-धीरे लॉक -डाउन में ढील से परिस्थिया किस करवट बैठेगी यह देखना होगा / 
ऐसे भी लम्बे समय तक लॉक डाउन को झेल पाना किसी भी देश या उसके नागरिकों के लिए संभव नहीं है / प्रधानमंत्री ने स्पस्ट कर दिया है कि हमें कोरोना को लेकर ही चलना होगा | सतर्क रहकर आर्थिक गतिबिधियों को शुरू की जा रही है | आशा है जल्द से जल्द इस कोरोना की लड़ाई में फतह हासिल कर सकेंगें /
राजेश कुमार श्रीवास्तव
संतालडीह, पुरुलिआ  
B.Sc. , DMLT (IPGME&R , Kol)