राजेश कुमार श्रीवास्तव |
उपरोक्त ग्राफ से यह स्पस्ट है जब भारत में लॉक डाउन शुरू हुआ तब संक्रमण के वृद्धि का दर सर्वाधिक था | और लॉक डाउन के प्रभाव के कारण यह दर लगातार कम होता रहा | २३ मार्च अर्थात जिस दिन से भारत में लॉक डाउन शुरू हुआ उस दिन संक्रमण के वृद्धि का दर १०० प्रतिशत से भी अधिक था / और जब लॉक डाउन -३ समाप्त होने को है तब यह बृद्धि दर घटकर २५ % से भी कम हो गया है | अर्थात लॉक डाउन संक्रमण के वृद्धि को कम करने में कारगर सिद्ध हुआ है |
इसी तरह इसके संक्रमण के कारण हुए मौत के वृद्धि दर पर नज़र डेल तो इसमें भी लगातार कमी आई है |
लॉक डाउन के शुरुआत में मौत की वृद्धि दर भी १०० प्रतिशत के ऊपर थी जो अब २० प्रतिशत के आसपास हो गई है| /
इसी तरह से इस व्याधि से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है | कुल मिलाकर एक बात स्पस्ट है की सरकार द्वारा समय पर लिया गया लॉक डाउन का फैसला देश को एक भयानक स्थिति में जाने से बचा लिया लगता है / लेकिन अब जब धीरे-धीरे लॉक -डाउन में ढील से परिस्थिया किस करवट बैठेगी यह देखना होगा /
ऐसे भी लम्बे समय तक लॉक डाउन को झेल पाना किसी भी देश या उसके नागरिकों के लिए संभव नहीं है / प्रधानमंत्री ने स्पस्ट कर दिया है कि हमें कोरोना को लेकर ही चलना होगा | सतर्क रहकर आर्थिक गतिबिधियों को शुरू की जा रही है | आशा है जल्द से जल्द इस कोरोना की लड़ाई में फतह हासिल कर सकेंगें /
राजेश कुमार श्रीवास्तव
संतालडीह, पुरुलिआ
B.Sc. , DMLT (IPGME&R , Kol)