मेरी चित्रकारी
मैंने अपने कैनवास पर -
एक चित्र उकेरा है /
हरा, लाल, पिला, नीला , भगवा, सफ़ेद,
जहाँ जो पाया भरा है /
लेकिन सभी रंग मिलकर -
इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाये हैं /
कहीं गहरे तो कही उभरे,
मैंने भी क्या इनमे मेल बिठाये हैं /
क्या नाम दू इस खुबसूरत चित्रकारी को-
समझ नहीं पाया /
इसलिए मैंने कुछ विद्वान बुला लाया /
एक चित्र उकेरा है /
हरा, लाल, पिला, नीला , भगवा, सफ़ेद,
जहाँ जो पाया भरा है /
लेकिन सभी रंग मिलकर -
इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाये हैं /
कहीं गहरे तो कही उभरे,
मैंने भी क्या इनमे मेल बिठाये हैं /
क्या नाम दू इस खुबसूरत चित्रकारी को-
समझ नहीं पाया /
इसलिए मैंने कुछ विद्वान बुला लाया /