बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

लिंग-भेद



लिंग-भेद

“इक्कीसवी सदी में स्त्रियाँ किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं है / कारखाना हो या ऑफिस, सीमा पर लड़ना हो या अंतरिक्ष में चहलकदमी, सभी जगह महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ रही है / और एक आप है जो खुद नौकरी करते है लेकिन मुझे रोकते है / बड़े सौभाग्य से मेरी सहेली ने मेरे लिए कॉल सेंटर में एक नौकरी की वयवस्था की है/ मुझे आज जब अपनी प्रतिभा दिखाने का मौक़ा मिल रहा है तब आप मुझे अब भी किचेन में ही सिमट कर रखना चाहते है / और इसका एकमात्र कारण मेरा महिला होना है / यह लिंग – भेद नहीं तो क्या? सरकार ने लिंग-भेद रखने वाले को अपराधियों की श्रेणी में रखा है / ”
श्रीमती जी के ये फ़िल्मी अंदाज में दिए गए डायलाग से बिना विचलित हुए मैंने उनको समझाना चाहा /