आराध्या
Story/Folk Song/Gazal/Poem
शुक्रवार, 21 सितंबर 2012
ठुठ (पेड़)
ठुठ (पेड़)
हे ! पथिक मुझे माँफ करना।
इस भरी दुपहरी में-
तुम्हारी तपन मिटाने के लिए -
मेरे पास अपने हरे कोमल पत्तियों की छाया नहीं हैं।
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