शनिवार, 1 सितंबर 2012



भारत की स्थिति बहुत ख़राब चल रही है। रोज नये नये  घोटालों की खबर, आतंकबाद की घटना, भुखमरी की समाचार मन को बहुत कष्ट देती हैं। हम युवा केवल उचे उचे पद  और सेलरी के चक्कर में  फस कर देश की दुर्दशा को केवल देख रहे हैं। लेकिन हम नहीं समझ रहे हैं की केवल हम अपने चक्कर में अपनी उर्जा को नस्ट करते रहे तो एक दिन देश फिर गुलाम बन जायेगा। इसलिए आप से अनुरोध हैं की "अपने लिए कुछ और देश के लिए सब कुछ" के फार्मूले पर चल कर अपना और अपने आने वाली पिणी  का भविष्य सुरक्षित करे।   

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